शिकायतें तो होंगी तब भी, जब हम ना होंगे...वैसे ही, जब तुमने मुझसे नहीं, एक चोले से प्यार किया था!बेशक तुम हमपे बदल जाने का आरोप थोपोबदले तो हम तब भी थे, जब तुमसे इश्क किया था...
निगोड़ी इश्क का फितूर ही कुछ ऐसा है जानेमन....!!!
थोड़ी अजीब, अलग किस्म की शायरी है.
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